1. जिस मोबाइल फोन मे हिँदी सुविधा न हो उसमे हिंदी फाँट कैसे इन्सटाँल करे ,क्या कोई बता सकता है?

    क्या किसी को पता है? जिस मोबाइल फोन मे हिँदी कि सुविधा न हो क्या उस फोन मे हिन्दी फाँन्ट इंस्टाँल किया जा सकता है । अगर किसी को जानकारी हो तो जरुर बताये ,ईटिप्स ब्लाँग पर अनुनाद सिँह जी ने ये सवाल पुछा है । ईटिप्स ब्लाँग टीम के मुकेश यादव ने ये सवाल ईटिप्स ब्लाँग के मोबाइल डिवीजन को ट्रांसफर कर दिया था । अगर किसी को पता है तो जरुर बतायेँ ।
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  2. एक ब्लागर का साक्षात्कार पढेँ

    साहित्यिक पत्रिका "सदभावना दर्पण" के संपादक और "साहित्य अकादमी,नई दिल्ली" के सदस्य व साहित्यकार,गजलकार,व्यंगकार तथा अब ब्लागर बन चुके गिरीश पंकज जी के साथ इटिप्स ब्लाग टीम ने बातचीत की । उनका यह इंटरव्यू हम अपने काँलम एक मुलाकात-ब्लागर के साथ मे प्रकाशित कर रहे हैँ । पंकज जी अट्टाहस सम्मान,सदभावना सम्मान,लीला रानी स्मृति सम्मान व अन्य कई सम्मानो से सम्मानित किया जा चुका है । उनकी कई किताबेँ भी प्रकाशित हो चुकी हैँ ।

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  3. ब्राउजिँग करना है तो ओपेरा करो

    मोबाइल फोन पर इंटरनेट का उपयोग बेहद सरल और सुलभ है । बस आपको चाहिऐ एक जीपीआरएस युक्त फोन और एक सिम कार्ड,अपने सर्विष प्रोवाइडर से सेटिँग मगाईये और सेव किजीऐ । लेकिन अहम रोल ब्राऊजर का होता है । जिसके माध्यम से आप मोबाइल स्क्रीन पर वेबसाईट खोल पाते हैँ । वैसे तो कई सारे मोबाइल ब्राऊजर आपको मिल जाएगेँ पर जो बात खाश है वो है ओपेरा ब्राऊजर,मोबाइल ब्राऊजर के क्षेत्र मे ओपेरा द्वारा लाँच 10.0 बीटा 2 काफी महत्वपूर्ण है । अपने और संस्करणोँ से ज्यादा तेज गती से कार्य करता है । ओपेरा के इस नये संस्करण मे आप होम पेज पर ही कई सारे वेब पेजोँ को सहेज कर रख सकेँगेँ,हर ब्राऊजर की तरह स्पीड डायल की सुविधा भी है । ओपेरा ने इसमे टैब सुविधा दी है । अर्थात आप एक ही विँडो मे कई सारे पेजो को खोल सकते हैँ । इस ब्राऊजर के माध्यम से डाऊनलोडीँग चार्ज बहुत हि कम किया जा सकेगा । नये फीचरोँ से लैस इस ब्राऊजर को डाऊन लोड करने के लिऐ www.opera.com/mobile या अपने फोन से m.opera.com खोलेँ । इस ब्राऊजर का उपयोग विँडोज मोबाइल 6.0 और इससे ऊपर के वर्जन पर कर सकते हैँ
    क्या है इसका विकल्प: इस ब्राऊजर का कोई विकल्प अभी नही है पर आप अपने फोन के लिऐ जिनकी किमत 2000 से 1000 है पर BOLT BROWSER डाउनलोड कर सकते है बोल्ट मोबाइल ब्राऊजर के लिऐ www.boltbrowser.com पर जाऐ ।

    अन्य तकनिकी लेख आप इटिप्स ब्लाग पर पढ सकते है । लेख के लिऐ सर्च किया था मुकेश यादव ने,पब्लिश किया था भोजपुरीखोज डाँट काँम टिम ने ।काँपीराइट अधिकार भोजपुरीखोज ग्रुप्स
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  4. नोकिया २३३० क्लासिक जीवन का एक अनमोल फैसला

    नोकिया २३३० देखने में साधारन मगर काम करने में बिलकुल ही अलग है। नोकिया कम्पनी का यह फ़ोन खासकर उन लोगो को ध्यान में रख कर बनाया गया है जो कम बजट में कुछ जायदा ही चीजे खोजते है । इस फ़ोन में जी पि आर एस , वि जी कैमरा ,वीडियो , ऍफ़ एम् रेडियो , पहले से ही मौजूद है लेकिन जिस चीज की कमी खलती है वो है म्यूजिक प्लयेर का न होना जो की साधारण इस रेंज के फ़ोनों में उपलब्ध होता है



    क्या है खाश - इन्टरनेट उपभोक्त्वो को धयान में रखकर इस डिवाइस का निर्माण किया गया है। इसमें ओपरा भी चला सकते ,जिसकी स्पीड इस तरह के फ़ोनों में देखने को नहीं मिलती है,

    क्या है कीमत - इस फ़ोन की कीमत तक़रीबन २७०० रूपये है ,इसकी बैट्री भी बेह्तार चलती है जो कम्पनी के दावे को पूरी करती है। इसमें नोकिया लाइफ टूल्स भी सामिल है जो इस फ़ोन को मजेदार बनता है।

    क्या है विकल्प - नोकिया २३३० क्लासिक की कीमत २७०० रूपये है इस फ़ोन के बजट में स्पाईस एम् ५२५२ देखा जा सकता है जिसकी कीमत लग्ब्हज ३००० रूपये है .मगर इसमें म्यूजिक प्लेयर भी है जो नोकिया २३३० क्लासिक में नहीं है।

    कीमत कितनी जायज - आजकल कई कंपनिया इसी वाजत में म्यूजिक फ़ोन भी उपलब्ध करा रही है जिसे देखते हुवे इस फ़ोन की कीमत कुछ जायदा लगती है पर नोकिया का कोई जवाब ही नहीं है। कम्पनी को कम से कम इस फ़ोन में और कुछ नहीं तो मेमोरी एक जीबी तो देनी ही चाहिए थी इस फ़ोन में ३२ एम् बी मेमोरी है जिसे बढ़ने का कोई विकल्प नहीं है।
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  5. इ-टिप्स ब्लॉग का पहला मोबाइल ब्लॉग सुरु हो रहा है.

    इ-टिप्स ब्लॉग ने पहला मोबाइल ब्लॉग सुरु किया है... जिसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा, इ-टिप्स ब्लॉग के इस ब्लॉग पर केवल मोबाइल सम्बंधित जानकारिया ही पर्कसित की जाएँगी...



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इ-टिप्स मोबाइल Latest Post Update Avatar Logo पिछले पोस्ट पर तक़रीबन १२ लोगो ने अपनी प्रतिक्रिया दी मगर जो सवाल अभी भी हमारे ब्लॉगवाणी और चिठ्ठाजगत पर बना हुवा है वो ये की इतने बड़े पेज में इक सर्च इंजन के न होना ,रोज हजारो पोस्ट ब्लॉगजगत में छपे जाते है जिसे ब्लोग्वानी और चिठ्ठाजगत उठा लेते है मगर १ घंटे के बाद उन पोस्ट को पढने के लिए ब्लोग्वानी और चिठ्ठाजगत के दुसरे पेज पर जाना पड़ेगा, कैसा होता अगर ब्लॉग वाणी और चिठ्ठाजगत में पोस्ट खोजने के लिए सर्च इंजन होता Read More>>

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